Vikram Betal Kahani 7| विक्रम बेताल की कहानी का सातवां भाग | बेताल पच्चीसी |

Vikram Betal Kahani 7| विक्रम बेताल की कहानी का सातवां भाग | बेताल पच्चीसी |:क्रम बेताल की कहानी का सातवां भाग पढ़ने वाले है। विक्रम और बेताल की कहानियां ज्ञानयुक्त है। बेताल द्वारा राजा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े और जवान सभी बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। विक्रम -बेताल कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए।

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आइए पढ़ते है विक्रम बेताल की कहानी का सातवां भाग | Vikram Betal Kahani 7 भाग

राजा और सेवक में बड़ा कौन

छठी कहानी में बेताल राज का जवाब सुनने के बाद वापस पेड़ पर जाकर लटक जाता है और एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर के योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।

हर बार की तरह इस बार भी बेताल राजन को एक कहानी सुनाता है।

आज की कहानी का शीर्षक है राजा और सेवक में बढ़कर कौन।

एक समय की बात है मिथिलावती नाम का एक नगर था जहां गुणधिप नाम के राजा का शासन था। राजा से मिलने के लिए रोजाना दूर-दूर से लोग आया करते थे। एक बार उनसे मिलने और उनकी सेवा करने के लिए किसी राज्य से एक युवक आया। Vikram Betal Kahani 7

युवक ने राजा से मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन वह राजा से नहीं मिल पाया। युवक अपने साथ खाने पीने का जो भी सामान लाया था धीरे धीरे वह सब खत्म हो गया था। राजा से न मिल पाने के कारण वह बहुत निराश था।

एक दिन की बात है जब राजा शिकार के लिए जंगल जाते है। युवक भी उनके पीछे-पीछे चला जाता है। लेकिन राज इस बात से अनभिज्ञ था कि कोई युवक भी उनके पीछे आ रहा है। जंगल इतना घना था कि राजा से उनके नौकर बिछड़ जाते है। केवल राजा और वह युवक साथ रह जाते है।

जब राजा जंगल की ओर आगे बढ़ने लगते है तो युवक राजा को रोकता है। राजा उसकी तरफ देखते है और देखते ही कहते है – तुम इतने कमजोर क्यों लग रहे हो?

युवक जवाब देता है – राजन यह मेरे करमो का दोष है। मैं कई राजाओं के पास रहा हूं जो हजारों लोगों को पालता है लेकिन उनकी नजर कभी मुझ पर नहीं पड़ी। Vikram Betal Kahani 7

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए युवक बोलता है राजन 6 बातें इंसान को कमजोर बनाते है –

स्त्री से बहस करना

गलत व्यक्ति से प्रेम                                      

बिना कारण हंसना

बुरे स्वामी के लिए काम करना

गधे पर सवारी

संस्कृत के बिना भाषा

इसके अलावा आयु ,कर्म , धन, विद्या और यश ये पांच चीजें और भी है-

व्यक्ति के जन्म के साथ ही विधाता उनके नसीब में लिख देता है।

विक्रम बेताल की कहानियां | vikram betal story in hindi / Vikram Betal Kahani 7

जब तक कोई पुण्य करता है तब तक उसके पास सेवा करने के लिए बहुत से दास होते है। जब पुण्य कम हो जाता है तो भाई ही भाई का दुश्मन बन जाता है। लेकिन राजन स्वामी की सेवा का फल किसी ना किसी दिन जरूर मिलता है।

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युवक की इन बातों का राजा पर बहुत असर हुआ। थोड़ी देर बाद दोनों नगर को लौटाए। राजा उस युवक को नौकरी पर रख लेता है।

कुछ दिन बाद युवक किसी काम से बाहर जाता है उसे रास्ते में एक मंदिर दिखाई देता है। वह मंदिर के अंदर जाता है और वहां स्थापित देवी की पूजा करता है और पूजा करने के बाद बाहर आता है तो वहां उसे एक सुंदर स्त्री दिखाई देती है। वह युवक उस स्त्री पर मोहित हो जाता है।

वह स्त्री युवक से कहती है – तुम इस कुंड के पानी से स्नान करो फिर तुम जो कहोगे वह मैं करूंगी।

स्त्री की बातें सुनकर युवक गोता लगाता है। गोता लगाते ही वह अपने नगर पहुंच जाता है। युवक राजा को पूरी बात बताता है।

यूवक की बात सूनने के बाद राजा कहता है – मुझे भी वहां ले चलो। मैं भी ये चमत्कार देखना चाहता हूं, फिर दोनों घोड़े पर बैठकर मंदिर की ओर जाते है।

मंदिर पहुंचकर वह दोनों दर्शन करते है और जब बाहर निकलते है तो उन्हें वहां पर एक स्त्री मिलती है जो राजा पर मोहित हो जाती है। और कहती है – आप जो कहोगे मैं वही करूंगी।

यह सुनकर राजा कहता है तुम इस सेवक से शादी कर लो।

राजा की बात सुनकर स्त्री कहती है – मुझे तो आप पसंद हो।

फिर राजा उस स्त्री से कहता है – सज्जन इंसान से जो कहता है उसकी बात निभाता भी है। इसलिए तुम्हे अपनी बात का पालन करना चाहिए।

फिर उस स्त्री और युवक का विवाह हो जाता है।

इस कहानी को सुनने के बाद बेताल बोलता है – अब बताओ कि राजा और सेवक में किसका काम बढ़कर हुआ?

राजा विक्रमादित्य ने कहा – नौकर का काम बढ़कर हुआ।

बेताल पूछता है – वह कैसे?

राजा विक्रमादित्य ने जवाब दिया- उपकार करना एक राजा का धर्म होता है लेकिन जिसका धर्म नहीं था उसने उपकार किया है तो युवक का काम बढ़कर हुआ।

राजा का जवाब सुनकर बेताल बेहद खुश हुआ और बोला – राजन तूने फिर मुंह खोलकर गलती कर दी। अब मैं वापस चला पेड पर।

 सीख  –  Vikram Betal Kahani 7 कहानी से सीख मिलती है कि हमें अपने वादे का पालन करना चाहिए और उसे हर कीमत पर पूरा करना चाहिए।

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