प्रारंभिक ऐज में उभरती जिन्दगी में लड़का लड़की अनजाने में अपने को प्यार में घिरा पाते है क्या love at a young age सफल होता है यह जानने के लिए पूरी love story पढ़े।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!love at a young age कच्ची उम्र का प्यार
समीर और नंदिनी एक ही स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। समीर एक होशियार और शांत स्वभाव का लड़का था, जो किताबों की दुनिया में खोया रहता था। दूसरी ओर, नंदिनी चंचल, हंसमुख और हर किसी से जल्दी घुल-मिल जाने वाली लड़की थी। love at a young age का फूल खिलने लगता है।
उनकी पहली मुलाकात First meeting तब हुई जब एक दिन समीर अपने गणित के नोट्स देख रहा था और अचानक नंदिनी ने उससे नोट्स मांग लिए।
“समीर, तुम्हारे पास गणित के नोट्स हैं? मेरी कॉपी अधूरी रह गई थी,” नंदिनी ने मुस्कराते हुए कहा।
समीर थोड़ा झिझकते हुए बोला, “हाँ… हाँ, ये लो।”
उस दिन के बाद से दोनों के बीच दोस्ती की शुरुआत हुई। नंदिनी अक्सर समीर से पढ़ाई में मदद मांगती और धीरे-धीरे समीर को भी उसकी कंपनी अच्छी लगने लगी।
समय के साथ उनकी दोस्ती और गहरी होती गई। वे लंच टाइम में साथ बैठते, स्कूल से घर जाते वक्त बातें करते और पढ़ाई के बहाने एक-दूसरे से मिलते। समीर ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी जिंदगी में कोई इतना खास हो सकता है। नंदिनी के साथ रहने से उसे एक अलग ही खुशी मिलती थी। initial pricks पहली चुभन शुरू ओ चुकी थी।
एक दिन समीर ने नोटिस किया कि नंदिनी उसके बिना थोड़ी उदास रहती है। उसने हिम्मत जुटाकर पूछ ही लिया, “क्या हुआ नंदिनी? आज तुम इतनी चुप क्यों हो?”
नंदिनी ने हल्की मुस्कान दी और बोली, “कुछ नहीं, बस सोच रही थी कि स्कूल खत्म होने के बाद हमारी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी ना?”
समीर को यह सुनकर झटका लगा। उसने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं था। उसने धीरे से कहा, “नहीं, हम दोस्त रहेंगे… हमेशा।”
दिल की बात
समीर और नंदिनी की दोस्ती अब एक खूबसूरत रिश्ते में बदल चुकी थी। वे एक-दूसरे की छोटी-छोटी चीज़ों का ख्याल रखने लगे थे। दोनों में पहली नजर का प्यार झलकने लगा था
एक दिन स्कूल में वार्षिक खेल प्रतियोगिता हो रही थी। समीर हमेशा खेलों में कमज़ोर था, लेकिन इस बार नंदिनी ने उसे भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उसने समीर से कहा, “तुम कर सकते हो, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।”
समीर ने पहली बार किसी के कहने पर खुद पर भरोसा किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और दूसरे स्थान पर आया। जब वह पुरस्कार लेने गया, तो उसकी नजरें सीधे नंदिनी को ढूंढ रही थीं। वह गर्व से ताली बजा रही थी।
उसी दिन समीर को एहसास हुआ कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं थी, यह उससे कहीं ज्यादा था। लेकिन क्या नंदिनी भी यही महसूस करती थी? यहाँ पर love at a young age माध्यम गति पकड़ लेता है।
कबूलनामा
समीर ने बहुत दिनों तक अपनी भावनाओं को छुपाए रखा, लेकिन आखिरकार, उसने नंदिनी को सब कुछ बताने का फैसला किया।
“नंदिनी, मुझे तुमसे कुछ कहना है,” समीर ने संकोच करते हुए कहा।
“हाँ, कहो न!”
“मैं नहीं जानता कि यह सही है या गलत, लेकिन जब तुम पास होती हो तो सब कुछ अच्छा लगता है। मैं तुम्हारे बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता।”
नंदिनी कुछ देर चुप रही। फिर मुस्कराते हुए बोली, “मैं भी यही सोच रही थी, पर कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।”
समीर की आंखों में चमक आ गई। यह उनकी मासूमियत भरी प्रेम कहानी love at a young age की सबसे खूबसूरत घड़ी थी।
प्यार की परीक्षा
अब उनकी दोस्ती प्यार में बदल चुकी थी। लेकिन प्यार की राह कभी आसान नहीं होती। आठवीं की परीक्षाएं करीब आ रही थीं और दोनों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना था।
नंदिनी ने कहा, “हमारी पहली जिम्मेदारी हमारे सपने पूरे करना है, उसके बाद ही हम अपने रिश्ते को आगे बढ़ा सकते हैं।”
समीर को उसकी यह बात बिल्कुल सही लगी। उन्होंने तय किया कि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस करेंगे और जब समय सही होगा, तब अपने रिश्ते को और मजबूत करेंगे।
आठवीं की परीक्षाएं खत्म हो गईं और रिजल्ट भी आ गया। दोनों ने बहुत अच्छे अंक हासिल किए। लेकिन अब अलग-अलग कॉलेज में जाने का समय था।
विदाई के दिन, नंदिनी ने समीर का हाथ पकड़ा और कहा, “हम अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा रिश्ता हमेशा रहेगा। वादा करो कि हम अपने सपनों को पूरा करेंगे और फिर एक दिन मिलेंगे।”
समीर ने मुस्कराते हुए कहा, “वादा रहा।”
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इस तरह, उनका सफर आगे बढ़ा। यह सिर्फ स्कूल का प्यार love at a young age नहीं था, बल्कि यह सच्ची दोस्ती और सपनों को पूरा करने की कहानी थी।
समय बीतता गया, कॉलेज की पढ़ाई शुरू हुई, और दोनों की ज़िंदगी व्यस्त होती चली गई। पहले जहां रोज़ बात होती थी, अब वह हफ्तों में सिमटने लगी। लेकिन दोनों के दिलों में एक-दूसरे के लिए वही एहसास कायम था।
एक दिन, समीर को एक बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिली। यह उसके सपने को पूरा करने की पहली सीढ़ी थी। उसने खुशी-खुशी नंदिनी को बताया, लेकिन कहीं न कहीं एक डर भी था कि क्या इससे उनके रिश्ते पर असर पड़ेगा?
नंदिनी ने उसे समझाया, “यह हमारा सपना था, तुम्हें इसे पूरा करना ही होगा। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।”
समीर को नंदिनी की यह परिपक्वता देखकर और भी प्यार आ गया। उसने वादा किया कि चाहे जो भी हो, वह उसे कभी नहीं छोड़ेगा।
पुनर्मिलन
सालों बाद, जब दोनों अपने-अपने सपनों को पूरा कर चुके थे, तब उनकी मुलाकात फिर से हुई। नंदिनी अब एक सफल लेखिका बन चुकी थी और समीर एक बड़ा इंजीनियर।
एक कैफे में बैठकर, वे उसी मासूमियत से बातें कर रहे थे, जैसे स्कूल के दिनों में करते थे। उनकी आंखों में अब भी वही चमक थी, और उनके दिलों में वही प्यार love at a young age था।
समीर ने नंदिनी की ओर देखते हुए कहा, “तो, क्या अब हम अपने अधूरे सफर को पूरा कर सकते हैं?”
नंदिनी मुस्कराई और बोली, “हमारा सफर कभी अधूरा था ही नहीं, बस यह अपने मुकाम तक पहुंचने में थोड़ा समय लगा।”
और इसी तरह, कच्ची उम्र का यह प्यार love at a young age एक खूबसूरत अंत की ओर बढ़ा, जो असल में एक नई जिंदगी शुरुआत थी।

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